तो अब आया है चलो हम तुम तुम हम बन जायें। तो अब आया है चलो हम तुम तुम हम बन जायें।
क्यों कि अब बन जाएंगे हम "हम"ओर निभा लेंगे सात फेरों के सातों वचन। क्यों कि अब बन जाएंगे हम "हम"ओर निभा लेंगे सात फेरों के सातों वचन।
बेटी थी महलों की पर अब हूँ कुलवधू तुम्हारी। अर्पण कर दिया सब कुछ बस सात फेरे के नाम से।। लो कर लिया ... बेटी थी महलों की पर अब हूँ कुलवधू तुम्हारी। अर्पण कर दिया सब कुछ बस सात फेरे के ...
सात फेरे लेकर फंस गए हम हाय किस्मत हमारी फूटी है, सात फेरे लेकर फंस गए हम हाय किस्मत हमारी फूटी है,
तुम आज भी मुझे लगती बड़ी प्यारी हो जैसे खिली हर तरफ अनेकों क्यारी हो। तुम आज भी मुझे लगती बड़ी प्यारी हो जैसे खिली हर तरफ अनेकों क्यारी हो।
तब, मैं और तुम नहीं, अब से हम प्रारंम्भ हुआ। तब, मैं और तुम नहीं, अब से हम प्रारंम्भ हुआ।